कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की वजह से लंबे समय से आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने राज्य सचिवालय पहुंचे है. ये मुलाकात इस जघन्य कांड के बाद चल रहे गतिरोध को दूर करने के प्रयास के तहत की गई. इस दौरान डॉक्टरों ने पीड़िता के लिए इंसाफ, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाने और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने सहित अन्य मांगें उनके सामने रखी.
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों में से एक देबाशीष हलदर ने कहा, "हम बैठक से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं." 5 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाता है, तो वे राज्यव्यापी हड़ताल पर चले जाएंगे. पिछले दिनों भूख हड़ताल पर बैठे छह डॉक्टरों को बिगड़ती सेहत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि आठ अन्य डॉक्टर अभी भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं.
वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को मुख्य सचिव और गृहसचिव को आंदोलनकारी डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था. इस दौरान उन्होंने उनसे फोन पर बात की और भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि उनकी अधिकांश मांगें मान ली गई हैं, बाकी डिमांड को पूरा करने लिए उन्होंने तीन से चार महीने का अतिरिक्त समय मांगा है. उनसे बातचीत होने के बाद ही जूनियर डॉक्टर उनसे मिलने के लिए तैयार हुए और मीटिंग के लिए पहुंचे.
इससे पहले इस केस की त्वरित जांच और 10 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को एक बड़ी रैली निकाली. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पर दबाव बनाने के लिए उनके साथ बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस रैली को संबोधित करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि यदि राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम को हटाने सहित उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो उनका आंदोलन और तेज होगा. उनके साथ फिल्म और टेलीविजन की हस्तियां भी मौजूद थीं.
शनिवार को धरना प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से वेस्ट बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने मुलाकात की थी. एक डॉक्टर ने कहा था कि यदि सोमवार तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे 22 अक्टूबर को पूरे राज्य में हड़ताल करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा था, "हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चर्चा के लिए बैठें और हमारी सभी मांगों को पूरा करें. यदि ऐसा नहीं होता है तो हमें बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा."
बताते चलें कि इस केस की जांच कर रही सीबीआई ने चार्जशीट फाइल कर दी है. इस चार्जशीट की एक्सक्लूसिव डिटेल आजतक को पता चली, जिसमें कहा गया है कि सिविक वालंटियर संजय रॉय ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है. पीड़िता की डेड बॉडी से लिए गए सीमन के सैंपल को जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबरोटरी भेजा गया था. इसमें पता चला है कि सीमन संजय रॉय का ही है, जो कि इस वक्त सीबीआई की गिरफ्त में है. उसे पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने दावा किया कि सीएफएसएल रिपोर्ट से पुष्टि हो गई है कि सीमन संजय रॉय का है. चार्जशीट के अनुसार, कई भौतिक साक्ष्य, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर साबित होता है कि इस वारदात को संजय रॉय ने ही अंजाम दिया है. इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. चार्जशीट में कहा गया कि क्राइम सीन से मिले बाल को जांच के लिए लैब भेजा गया, जो मुख्य आरोपी संजय रॉय से मैच कर रहे हैं.
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